त्वमेव प्रत्यक्षं तत्त्वमसि ।
त्वमेव केवलं कर्तासि ।
त्वमेव केवलं धर्तासि ।
त्वमेव केवलं हर्तासि ।
त्वमेव सर्वं खल्विदं ब्रह्मासि ।
त्वं साक्षादात्मासि ॥
Transliteration
tvameva pratyakṣaṃ tattvamasi ।
tvameva kevalaṃ kartāsi ।
tvameva kevalaṃ dhartāsi ।
tvameva kevalaṃ hartāsi ।
tvameva sarvaṃ khalvidaṃ brahmāsi ।
tvaṃ sākṣādātmāsi ॥
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गणपति भगवान् को प्रणाम है। तुम्हीं साक्षात् प्रत्यक्ष तत्त्व हो। तुम्ही एकमात्र कर्त्ता हो, तुम्ही एकमात्र धर्त्ता हो और तुम्ही एकमात्र हर्त्ता हो। एकमात्र तुम्हीं इन समस्त रूपों में विद्यमान ब्रह्म हो। तुम्हीं साक्षात् आत्मस्वरूप हो। मैं सदा ऋत (सत्य से परे) बात कहता हूँ, सत्य का ही प्रतिपादन करता हूँ ॥
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